लिस्बन। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद कई लोग अपना घर और जमीन छोडऩे के लिए मजबूर हुए। अफगान राष्ट्रीय महिला युवा फुटबॉल टीम की खिलाड़ी भी उनमें से एक हैं। 15 साल की फुटबॉल खिलाड़ी सारा कहती हैं कि अपने घर अफगानिस्तान को छोडऩा दर्दनाक था लेकिन अब वह पुर्तगाल में हैं और सुरक्षित हैं। भविष्य में वह प्रफेश्नल फुटबॉल प्लेयर बनना चाहती हैं। उनका सपना अपने पसंदीदा खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो से मिलने का है।
पुर्तगाल ने इन खिलाडिय़ों को शरण दी है। अपनी मां और साथी खिलाडिय़ों के साथ लिस्बन में घूमते हुए सारा कहती हैं कि अब वह आजाद हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं रोनाल्डो की तरह फुलबॉल प्लेयर और पुर्तगाल की एक बड़ी महिला व्यवसायी बनना चाहती हूं।Ó सारा को उम्मीद है कि वह एक दिन घर वापस लौट पाएंगी लेकिन इसके लिए ‘आजादी उनकी शर्त है। सारा की मां ने रॉयटर्स ने उनका सरनेम इस्तेमाल न करने की विनती की। सारा की मां ने तालिबान का पिछला शासन देखा है। लेकिन अब खबर आई कि तालिबान ने काबुल यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया है और महिला छात्रों व टीचरों को घर वापस भेज दिया। काबुल पर कब्जे के बाद एक वरिष्ठ तालिबानी नेता ने कहा था कि महिलाओं को खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह ‘गैर-जरूरी है और इससे उनके शरीर का ‘प्रदर्शन होता है।