कानपुर। यूपी बार काउंसिल ने अपने कहे अनुसार वकीलों पर कार्रवाई की शुरूआत कर दी है। सबसे पहले महामंत्री पद के एक प्रत्याशी का रजिस्ट्रेशन निलंबित हुआ तो अब हंगामा और अराजकता करने वाले दूसरे वकील परेशान होने लगे हैं। सीसीटीवी फुटेज में खुद को तलाश करने में जुट गए हैं।
बार एसोसिएशन चुनाव में 17 दिसंबर को कचहरी परिसर के भीतर मतदान कराया गया था। वकीलों के हंगामे के चलते मतदान सुबह ढाई घंटा देरी से तो शाम को आधा घंटा पहले बंद करा दिया गया था। जिसके बाद प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा काटा। तोडफ़ोड़ के साथ ही एल्डर्स कमेटी के पदाधिकारियों से अभद्रता की गई थी। मतपेटियों को भी प्रभावित करने का प्रयास हुआ।, हालांकि एल्डर्स कमेटी ने मतपेटियों को किसी तरह बचा लिया था। इस मामले में 23 दिसंबर को प्रयागराज में यूपी बार काउंसिल ने बैठक कर महामंत्री पद के प्रत्याशी पवन तिवारी का अधिवक्ता रजिस्ट्रेशन लाइसेंस निलंबित कर दिया। देरी से शुरू हुए मतदान के पीछे उनके हंगामे को कारण बताया गया।
सुबह और शाम को हंगामा करने वाले कई अधिवक्ता और उनके समर्थक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए थे।
पवन तिवारी पर कार्रवाई के बाद इन वकीलों में अधिवक्ता लाइसेंस निलंबित होने को डर बढ़ता जा रहा है। बार एसोसिएशन के साथ ही अब दूसरे माध्यम से यह लोग सीसीटीवी फुटेज में खुद को तलाश रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज में खुद को तलाशने वालों की संख्या काफी ज्यादा है। दरअसल, मतदान बंद होने के बाद प्रत्याशी और उनके समर्थक बड़ी संख्या में एल्डर्स कमेटी कक्ष में मौजूद थे। इनमें से अधिकतर मतपत्र फाडऩे, मेज पर चढ़कर हंगामा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही यह सभी यूपी बार काउंसिल के सदस्यों तक भी पहुंच बनाने में जुटे हैं, ताकि सीसीटीवी फुटेज में पहचान की जाए तो उन्हें कुछ मदद मिल सके।