बीजिंग। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील पर पुल बना रहा चीनी ड्रैगन पूरे अक्साई चिन इलाके में भारत के खिलाफ अपनी किलेबंदी को चौतरफा मजबूत कर रहा है। चीन ने भारत के अक्साई चिन इलाके पर जबरन कब्जा कर रखा है और अब वहां पर सड़कों और पुलों का जाल बिछा रहा है। सैटलाइट तस्वीरों से मिली ताजा तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन ने लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद साल 2020-21 के बीच में अपने निर्माण कार्य को बहुत तेज कर दिया है।
चीन अक्साई चिन इलाके में न केवल नई सड़कें बना रहा है, बल्कि नए पुल भी तैयार कर रहा है। इसके अलावा पुरानी सड़कों को चौड़ा किया जा रहा है। साथ ही चीन इस इलाके में कई वैकल्पिक रास्ते भी बना रहा है। चीन ने अक्साई चिन के कई सेक्टर में इस निर्माण कार्य को चला रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, चीन की कोशिश है कि इसके जरिए अक्साई चिन पर अपनी पकड़ को और मजबूत किया जा सके और साथ ही किसी आक्रामक कार्रवाई की सूरत में भारतीय सेना को तेजी से जवाब दिया जा सके। इससे पहले सोमवार को खुलासा हुआ था कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पैंगोंग त्सो झील पर अपने क्षेत्र में खुर्नक पर एक पुल का निर्माण कर रही है जो झील का सबसे संकरा हिस्सा है। सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि इस पुल का निर्माण भविष्य में भारतीय सेना के अगस्त 2020 जैसे किसी भी ऑपरेशन का मुकाबला करने के लिए किया जा रहा है। भारतीय सेना ने एक स्पेशल ऑपरेशन को अंजाम देते हुए 29 और 30 अगस्त 2020 की रात को पैंगोंग त्सो दक्षिणी किनारे की ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया था। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माणाधीन पुल खुर्नक से दक्षिणी तट के बीच 180 किमी की दूरी को खत्म कर देगा। इसका मतलब है कि खुर्नक से रुडोक तक का रास्ता पहले करीब 200 किमी की तुलना में अब सिर्फ 40-50 किमी का होगा। 135 किमी लंबी पैंगोंग त्सो स्थलीय सीमा से घिरी हुई एक झील है जिसका कुछ हिस्सा लद्दाख और बाकी हिस्सा तिब्बत में है। मई 2020 में भारत और चीन के बीच तनाव की शुरुआत इसी क्षेत्र में हुई थी।