कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जंग छिड़े गुरुवार को दो सप्ताह पूरे हो गए। जंग के पंद्रहवें दिन भी इसके थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं, हालांकि दोनों देशों के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। यूक्रेन जहां नाटो की सदस्यता की जिद से पीछे हटा है, वहीं रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन की मौजूदा सरकार को गिराना नहीं चाहता बल्कि इस देश को वह तटस्थ बनाना चाहता है। उधर, अमेरिका ने रूस द्वारा यूक्रेन में रासायनिक व जैविक हमले की आशंका जताते हुए आगाह किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के नाटो में शामिल न होने के एलान के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी नरमी दिखाई है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा है कि हमारा मकसद यूक्रेन की सरकार को गिराना नहीं, बल्कि तटस्थ स्थिति सुनिश्चित करना है। रूस इस लक्ष्य को हासिल कर के रहेगा। मारिया ने कहा, यूक्रेन से अगले दौर की वार्ता में और अधिक महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है। विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव तुर्की में हैं, जहां वह यूक्रेन के विदेशमंत्री दिमित्रो कुलेबा के साथ बातचीत करेंगे।
राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में स्थित 700 लोग कारों पर सफेद झंडे लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर निकले। यूक्रेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि वोरजेल और इरपिन से करीब 700 लोगों को निकाला गया है। इनमें से कई ने कुछ दिनों से कुछ नहीं खाया है।
बच्चों के अस्पताल पर बमबारी को जेलेंस्की ने बताया नरसंहार
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मारियुपोल में बुधवार को बच्चों के अस्पताल पर रूसी बमबारी को नरसंहार करार दिया है। उन्होंने कहा कि रूस ने यहां संघर्ष विराम के बाद भी बम बरसाए। एक समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि बच्चों के अस्पताल पर हवाई हमले से 17 कर्मचारी घायल हो गए।