कानपुर। राजस्थान में बने चक्रवाती परिसंचरण के कारण तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी है। बुधवार से उत्तर-पश्चिमी हवाओं का आना तेज हुआ है और इसके चलते अधिकतम व न्यूनतम तापमान में मामूली अंतर दिखाई दे रहा है। गुरुवार को अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17.6 डिग्री सेल्सियस रहा। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अप्रैल माह से पारे में एकाएक उछाल आ सकता है। साथ ही गर्म हवाओं के साथ हीट वेव (लू) भी चल सकती है।सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि वर्तमान में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य महाराष्ट्र व आसपास के इलाकों पर है। इसके कारण उत्तर पश्चिमी हवाएं तेज गति से गंगा के मैदानी इलाकों में असर दिखा रही हैं। पिछले दो दिन से तापमान में मामूली कमी दर्ज की जा रही है। आने वाले दो से तीन दिन तक मंडल में ठंडी हवाओं की वजह से गर्मी से थोड़ी राहत मिल सकती है। साथ ही शाम के वक्त तेज हवाएं चलने के आसार हैं। हालांकि, इस दौरान पारा स्थिर रहेगा। डॉ. पांडेय ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी हवाओं का रुख बदलने के बाद फिर से तापमान में बढ़ोत्तरी होगी और तब पारा 40 डिग्री से भी ज्यादा हो सकता है। किसानों को सलाह है कि वे रबी की खड़ी फसलों में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें और खरपतवार नाशी, कीटनाशी व रोगनाशी दवा का छिड़काव करते रहें।