कानपुर। अब आप अगर किसी काम से नगर निगम जाएंगे तो वहां आपको चाय प्लास्टिक या थर्माकोल के गिलास में नहीं, बल्कि मिट्टी से बने कुल्हड़ में मिलेगी। इससे आपको देश की सोंधी-सोंधी मिट्टी का अहसास भी होगा। यह ऐलान महापौर प्रमिला पांडेय ने किया है। वह खादी ग्राम उद्योग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय सक्सेना के साथ कानपुर देहात के दौरे से वापस लौटी थी।
महापौर ने कहा कि उन्होंने कानपुर देहात के दौरे के दौरान देखा कि अब वहां कुम्हार हाथ के बजाए मशीन से कुल्हड़, मटका आदि बना रहे हैं। जिस मशीन से मटकी आठ दिन में बनती थी, अब अत्याधुनिक मशीनों से वह मात्र आठ घंटे में बन जाती है। यह हमारे प्रधानमंत्री की ही सोच है कि अब सभी वर्गों का विकास हो रहा है। पीएम मोदी सबको जोडऩे की योजना के तहत कार्य करते हैं। इससे देश में बदलाव भी देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर जाकर नौकरी करने से अच्छा है कि युवा देश में ही रहकर काम करें। महापौर ने कहा कि कुम्हारों की मेहनत और कुल्हड़ से आने वाली देश की मिट्टी की सोंधी-सोंधी खुशबू को उन्होंने महसूस किया और तय किया है कि अब नगर निमम में चाय सिर्फ कुल्हड़ में ही मिलेगी। इससे कुम्हारों को रोजगार मिलेगा, साथ ही उनकी आमदनी भी बढ़ेगी।सरकारी दफ्तरों में कुल्हड़ के प्रयोग का चलन पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले 9 अक्टूबर 2021 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक के कपों की बजाए मिट्टी के कुल्हड़ में चाय देने की व्यवस्था करने का ऐलान किया था। उससे पहले यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव (2004-2009) ने भी देश के सभी रलवे स्टशनों व ट्रेनों में कुल्हड़ के चलन का आदेश दिया था।