आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ताओं ने आज मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपते हुए तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी की। शासन को चेताया कि यदि एक माह के अंदर उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो वह देशव्यापी आंदोलन चलाने के लिए बाध्य होंगे।
मौदहा, हमीरपुर। बार एसोसिएशन मौदहा के अध्यक्ष नसीरुद्दीन सिद्दीकी की अध्यक्षता में आज तहसील परिसर में तमाम अधिवक्ता न्यायिक कार्यों से विरत रहकर एकत्र हुए और तहसील परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन उप जिलाधिकारी को सौंपकर बताया कि भारतवर्ष में लगभग 40 लाख से अधिक अधिवक्ता विभिन्न न्यायालयों में विधि व्यवसाय कर रहे हैं। जिनमें से लगभग 90% अधिवक्ता मूल रूप से कृषक परिवारों से आते हैं। उनकी परिवार की जीविका मूल रूप से कृषि उपज से होने वाली आय पर निर्भर है। अधिवक्ताओं के अनुसार अधिवक्ता को विधि व्यवसाय से अन्य कुछ करने की अनुमति नहीं है। अधिवक्ता को विधि व्यवसाय प्रारंभ करने में आवासी, व्यवसाय एवं अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ता है और लगभग 10 वर्ष न्यायिक प्रक्रिया समझने में में लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में वास्तव उसका परिवार या तो कृषि आय पर निर्भर होता है या फिर मजदूरी आदि का सहारा जीविका चलाने के लिए लेना पड़ता है।
अधिवक्ता एक्ट में विधि व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य कार्य करने की अनुमति नहीं है। भले ही सुप्रीम कोर्ट ने अधिवक्ताओं को अफसर का दर्जा दे रखा है। किंतु अधिवक्ताओ को अन्य कर्मचारियों की तरह नियमित आय उपलब्ध नहीं कराई गई। बीमार हो जाने की स्थिति में निर्धन अधिवक्ता के पास इलाज की व्यवस्था तक नहीं होती। ऐसी स्थिति में उनके परिवार की स्थिति बद से बदतर हो जाती है। राज्य द्वारा अभियोजन के रूप में नियुक्त किए जाने वाले अधिवक्ताओं की संख्या भी अत्याधिक अल्प होती है, जो दुखद है।
बार एसोसिएशन मौदहा के अधिवक्ताओं ने बताया कि उपरोक्त परिस्थितियों में मधुसूदन त्रिपाठी द्वारा मुख्यमंत्री को दिनांक 16 अगस्त 2022 को सौंपा गया ज्ञापन। अधिवक्ताओं के हितार्थ संचालित कराने हेतु बार काउंसिल के पत्रांक दिनांक 8 जनवरी 2023 के अनुपालन में बार एसोसिएशन मौदहा ने बैठक कर 8 प्रस्ताव पारित किए। जिनमें अधिवक्ताओं को कृषि सम्मान निधि देने का प्रावधान करने की मांग की गई है। जबकि प्रदेश के अधिवक्ताओं के लिए पांच लाख रुपए तक का मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था कराए जाने हेतू आयुष्मान योजना से जोडे जाने की मांग की है। उत्तर प्रदेश कल्याण निधि न्यासी समिति लखनऊ में मृतक अधिवक्ताओं के लंबित दावों का भुगतान कराए जाने की मांग की गई है। 60 वर्ष से अधिक आयू के अधिवक्ताओं को 40 हजार रुपए पेंशन योजना की मांग के साथ एडवोकेट प्रोटेक्सन एक्ट लागू करने की मांग रखी गई है। साथ ही अधिवक्ताओं को प्रारंभिक व्यवसाय में 10 वर्ष तक ₹5000 प्रतिमाह मानदेय दिए जाने की मांग भी प्रमुखता से रखी गई है। अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से प्रदेश के मुखिया को चेताया कि यदि एक माह के अंदर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वह प्रदेश व्यापी आंदोलन चलाने के लिए बाध्य होंगे।
इस मौके पर बार एसोसिएशन मौदहा के उपाध्यक्ष विवेक कुमार दीक्षित, अफरोज आलम, राहुल दिवेदी, सौरभ तिवारी, कोषाध्यक्ष विजय कुमार, प्रजापति सहित पूर्व अध्यक्ष उमेश चंद्र नामदेव व अधिवक्ता अब्दुल कुद्दूस, गंगादीन प्रजापति, भूपत प्रजापति, राजेंद्र निगम, आलोक निगम, एव काज़ी अजमत सहित तमाम अधिवक्ता गण मौजूद रहे।