नैमिषारण्य, सीतापुर। समाज में जितनी डिजिटल सुविधाएं हम सब के लिए उपयोगी हैं, उतना ही जागरूक होना भी बहुत जरूरी है। क्योंकि साइबर क्राइम करने वालों के दिमाग भी बहुत तेजी से काम कर रहे हैं, चाहे वह लॉटरी के नाम पर मूर्ख बनाकर पैसे लूट रहे हो या फिर रिचार्ज का ऑफर देकर लिंक को शेयर करके अकाउंट से पैसे डेबिट कर रहे हो, यहां तक एनीडेक्स के माध्यम से भी लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। सबसे ज्यादा भरोसा गूगल पर किया जाता है। जब हमारी कोई समस्या होती है, तो हम गूगल से पूछते हैं। क्राइम करने वाले इतने एक्टिव हैं कि वह गूगल पर टोल फ्री नंबर बनाकर अपना नंबर शेयर कर रखा है। हेल्प के नाम पर जरा सी गलती होने पर अकाउंट हि साफ कर देते हैं। आपकी मेहनत की कमाई को साइबर क्राइम करने वाले चुटकी में साफ कर देंगे, इसलिए आपको बारीकी से जागरूक होना पड़ेगा नहीं तो आपके साथ कभी भी घटना घटित हो जाएगी।
अगर आपके साथ ऐसी घटना घटित होती है, तब आपको महीनों समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। जिसका जीता जागता सबूत हाल ही की घटना थाना नैमिषारण्य के अंतर्गत निवासी भानपुर के राकेश कुमार के साथ घटना घटित हुई है। जो मिश्रित भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम नहर चौराहे पर आवश्यकता पड़ने पर रुपए निकालने गए थे। वहां से रूपये निकालने का प्रयास किया, मगर तकनीकी समस्या के कारण रुपए ना निकल सके। वहीं पर मौजूद अज्ञात व्यक्ति ने सहायता के नाम पर बड़ी ही चालाकी से एटीएम बदल दिया और उसके कुछ समय के बाद धीरे-धीरे करके 61,000 रूपये खाते से गायब कर दिए। पीड़ित इधर उधर भटक रहा है, अभी भी कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है। इतनी सुविधाएं होने के बावजूद भी क्राइम करने वाले लोगों को पकड़ने में कानून व्यवस्था असमर्थ है। ताज्जुब यह देखिए इतने संसाधन उपलब्ध है, उसके बावजूद भी नहीं पकड़ा जाता है। क्राइम करने वाला सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध है, ट्रांजैक्शन आईडी भी उपलब्ध है। सब कुछ होने के बावजूद भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसीलिए आप भी जागरूक रहें जिससे कि ऐसी घटना घटित होने से पहले ही आप सतर्क रहें, क्योंकि समस्या होने पर समाधान करने वाले बहुत कम मिलते हैं। कभी भी एटीएम का पिन ना बताएं, एटीएम में जब भी जाएं तो अकेले जाएं, किसी भी लालच के चक्कर में आकर अनजान लिंक को खोले नही या फिर स्क्रेच न करें आफर समझ कर।